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राष्ट्रीय पुरस्कारों से हेयर व मेकअप कला वंचित क्यों?

26 जनवरी, एक और (गणतन्त्र दिवस) चला गया, और भारत सरकार द्वारा 2 पद्म विभूषण, 24 पद्म भूषण और 101 पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा की गई. देश के इन सभी सम्मान जनक व्यक्तित्व को हमारी बधाई.
विज्ञान, इन्जिनियरिंग, योगा, चित्रकला, शास्त्रीय गायन, गहटम कलाकार, सिनेमा, सार्वजनिक कार्य, साहित्य शिक्षा, बैडमिन्टन, टेनिस, सिविल सेवा, चिकित्सा, थियेटर कला, वाद्य संगीत, फिल्म, मूर्तिकला, मणीपुरी नृत्य, तबला वादक, कथक संगीत वादन, ओडीशी नृत्य, एनिमेशन फिल्म, सैन्ड आर्टिस्ट, फैशन डिजायनिंग, मोहिनी आट्टम कला, प्रदर्शन कला, स्क्रिप्ट राईटिंग, सामाजिक कार्य, व्यापार उद्योग क्रिकेट, कब्बडी, पर्वतारोहण, व्हीलचेयर टेनिस, सिविल सेवा. लगभग 38 केटेगरी में अर्वाड प्रदान किये गये. हम हेयर व मेकअप आर्टिस्टों को बेहद खुशी होती है जब किसी कलाकार को सम्मान मिलता है क्योंकि देश में समस्त नागरिकों के पीछे जो खड़े रहते हैं वे ब्यूटी क्षेत्र के कलाकार ही होते हैं जो उन्हें स्वस्थ व सुन्दर बनाते हैं समाज की उत्पति व विकास के हर काल से ये सेवाएं दी जा रही है इनही सेवाओं के परिणाम स्वरूप समाज का प्रत्येक व्यक्ति सभ्य व सामाजिक दिखाई देता है. तथा उनके रोजमर्रा की दिनचर्या में आत्मविश्वास का संचार होता है, हेयर कटिंग, शैम्पू, शेविंग, मेनिक्योर, पेडिक्योर, नेल आर्ट , फैशियल, बाॅडी मसाज, मेकअप टैटू, जैसे सेवाओं के चलते शरीर स्वस्थ रहता है ओर सौन्दर्य में निखार आता है.
देश के गणतन्त्र की वर्षगांठ मनाई जाती है हम देश के नागरिक है इस देश की धरती से प्रेम करते हैं हम गणतंत्र व आजादी पर गर्व होता है पर एक कलाकार की दृष्टि से सोचे तो आज तक देश ने हेयर कटींग करने वाले व मेकअप करने वाले व्यक्ति को राष्ट्रीयस्तर पर सम्मान नहीं दिया है.
क्या ब्यूटी क्षेत्र के लोग, इस लायक ही नहीं है? क्या हम एक गली व शहर में अपना नाम बना कर, व पैसा कमाकर खुश है? नहीं. हम राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान चाहते है क्योंकि हमारा कार्य सम्मान के लायक है क्योंकि इस कार्य में स्वाभिमान व ईमानदारी है, सर उठा कर हम मेहनत के साथ समाज व देश की सेवा कर रहे हैं. पर्दे के पीछे रह कर बाॅलीवुड का नाम दुनिया में रोशन किया है.
बस! केवल असंगठीत होना हमारी सबसे कमजोर कड़ी है, और इसका दुसरा नकारात्मक पहलू अहंकार है जो हमें संगठित नहीं होने देता. यदि आप के दिल में देश व समाज के प्रति प्रेम नहीं है, आप में एक बाल काटने वाले व मेकअप करने वाले आम कलाकार के प्रति प्रेम नही है तो आप कलाकार कहलाने लायक भी नहीं है. आज तक हमने दूर दूर रह कर भी दुनिया में सौन्दर्य की मशाल को जलाए रखा है. हम एक होकर अपनी कला को विकसित करे देश के लिए हेयर कट करे, मेकअप करे तो हम सरकार की निगाह में आ सकते है, हम कलाकार है. किसी भी तरह के पुरस्कार के लिए भीख नही मागते है यह तो हमारा हक है. जो समुह देश को स्वस्थ व सुन्दर बनाता है उनको पद्मश्री व पद्मभूषण एवार्ड मिलना चाहिए.

अशोक पालीवाल
[राष्ट्रीय महासचितः आल इंडिया हेयर एण्ड ब्यूटी एसोसिएशन (आ.ई.बा)
अध्यक्षः हेयर एण्ड ब्यूटी आॅर्गेनाईजेशन राजस्थान (एच.बी.ओ.)]