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अशोक पालीवाल – हेयर कटिंग को शिखर पर पहुंचाया

उदयपुर के हेयर एक्सपर्ट अशोक पालीवाल एक जाना पहचाना नाम है। हेयरकट के साथ साथ अशोक समाज सेवा में भी अग्रणी है। कई बार उनको जिलाधीश या नेताओं से सच के लिए लड़ते देखा जा सकता है। एक बार उन्होंने उदयपुर के कलेक्टर का बाल ना काटने की मुहीम चलाई थी क्योंकि उन्होंने उदयपुर में फैशन शो करने की इजाजत नहीं दी है। वो हेयर कटिंग को एक सम्मान जनक स्थान पर देखना चाहते हैं और इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जज बनने का सम्मान पा चुके अशोक को 2014 में इन्टरप्रेन्योर आॅफ द ईयर का लीडरशिप एक्सीलेन्स मिल चुका है। फिलहाल उनका सपना है कि लोग बाल पेट के लिए नहीं देश के लिए काटें। ब्यूटी प्लस ने उनसे उनके अनुभव जानें। प्रस्तुत है उसके कुछ अंशः

अपने बारे में कुछ बताइये ? इस फील्ड में आपकी शुरुआत कैसे हुई ?
मेरे पिता का सलाॅन था और बहुत फेमस सलाॅन था पर मैंने शुरू में कभी सीरियसली सोचा नहीं था कि इस लाइन में करियर बनाना है। 2005 में मैं अपनी वाइफ को जावेद हबीब की एकेडमी ले गया था। बस वहीं से मेरे जीवन को सही दिशा मिली। उस वक्त मैंने भी वाइफ के साथ हेयर कटिंग का कोर्स कर लिया। बस वो दिन था और आज का दिन है मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

क्या शुरूआत में कुछ चैलेंजेज का भी सामना करना पड़ा?
हेयर कट को लेकर लोगों की मानसिकता बदलना सबसे बड़ा चैलेंज था। जब मैं अपने शहर उदयपुर आया तो मैंने देखा कि इस पेशे से जुड़े लोग ट्रेडिशनल तरीके से ही काम कर रहे थे। उनके लिए बाल काटना कोई आर्ट नहीं सिर्फ व्यवसाय था। सिर्फ उदयपुर ही नहीं पूरे देश में हेयर कट करने वालों को वो सम्मान नहीं मिलता था जिसके वो हकदार हैं। इसका कारण काफी हद तक इस पेशे से जुड़े लोग ही हैं। वो ना तो हायजीन को तव्ज्जो देते हैं और ना अपने काम को बड़ा मानते हैं। पहले तो इस मानसिकता को दूर करके लोगों को समझाना पड़ा कि हमारा काम भी सम्मान का हकदार है। इसके लिए कई सेमीनार किये, लोगों को पढ़ाया। धीरे धीरे लोगों को इसका महत्व समझ में आया। आज तो माहौल काफी बदल चुका है।

क्या आपने कोई प्रोफेशनल कोर्स भी किया है?
जैसा कि मैंने बताया कि मेरे पिता इस पेशे से जुड़े थे तो आप कह सकते हैं हेयर कट करना मेरे खून में है पर पिता के सलाॅन में मैंने कभी काम नहीं किया। 2005 से पहले मैंने जावेद हबीब के यहां से कोर्स किया। उसके बाद ही इस लाइन में आया।
प्रभात स्पा सलाॅन एंड इंस्टीट्यूट की नींव कैसे पड़ी ?
जब मैं उदयपुर आया तो मुझे लगा कि इस क्षेत्र में शिक्षा की काफी जरूरत है। इसलिए मैंने प्रभात स्पा सलाॅन एंड इंस्टीट्यूट की स्थापना की। उदयपुर में यह इस तरह का पहला इंस्टीट्यूट था। इसके बाद लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया कि हेयर कट एक आर्ट है और इसके जरिये हम सम्मान पा सकते हैं बस जरुरत है अपने काम को अंतर्राष्ट्रीय मानको पर खरा उतारने की। इसके लिए हमको प्रोफेशलालिस्म अपना होगा। लोगों को बात समझ में आई और आज हमारा ये इंस्टीट्यूट किसी भी मायने में पीछे नहीं है। यहां से सीखे बच्चे देश ही नहीं विदेश में भी अपना नाम कमा रहे हैं।

प्रभात सलाॅन की क्या खासियत है?
प्रभात सलाॅन को ये नाम मेरे पिता ने दिया जिसका मतलब है सवेरा। हमारा सलाॅन भी इस क्षेत्र में नया सवेरा लाने की कोशिश कर रहा है और काफी हद तक हम इसमे कामयाब भी है। मेकओवर, हेयरकट एंड ड्रेसिंग, मेकअप, स्पा, स्किन केयर, बाॅडी आर्ट, टेटू, बाॅडी पियर्सिंग, और मेहंदी आर्ट जैसी सर्विसेज हम अपने ग्राहकों को प्रोवाइड करवाते हैं। फिलहाल मेरे सलाॅन और इंस्टीट्यूट में 50 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं।

आपका इंस्टिट्यूट भी है। कब शुरुआत हुई इसकी और कौन-कौन से कोर्सेज अवेलेबल हैं?
इंस्टीट्यूट की शुरुआत भी 2005 में सलाॅन के साथ ही की थी। शुरु में लोगों को समझाने में समय लगा कि प्रोफेशलन नाॅलेज कितनी जरूरी है। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की समस्या ये है कि सब खुद को बहुत अच्छा मानते हैं तो इस मानसिकता को बदलने में समय लगा पर हम कामयाब रहे। साथ ही लोग बड़े शहरों से कोर्स करना चाहते हैं कोई छोटे शहर नहीं आना चाहता तो ये भी चैलेंज था कि कैसे लोगों को भरोसा दिलाएं कि यहां भी वल्र्ड लेवल की पढ़ाई होती है। पर धीरे-धीरे हमारे लोग इंटरनेशनल लेवल पर जाने लगे और हमारा नाम बड़ा होता चला गया। आज हम हेयर कट और स्पा के कई एडवांस और बेसिक कोर्स भी चलाते हैं। साथ ही ब्यूटी से जुड़े कोर्स भी हैं। आज यह एक जाना पहचाना नाम है और देशभर से लोग यहां पढ़ने आते हैं।

आपकी फैमिली भी इसी बिजनेस में है। कितना सपोर्ट मिला है आपको उनका?
मेरी पत्नी, बेटी और दामाद भी इसी बिजदेस में हैं। जब परिवार घर के साथ आपके प्रोफेशन में भी आपके साथ होता है तो यकीनन आप काफी ग्रो कर पाते हैं। मेरा बिजनेस अगर आज ऊंचाईयां छू रहा है तो इसका कारण फैमिली का सपोर्ट ही है। मेरी वाईफ, बेटी और दामाद सलाॅन और इंस्टीट्यूट का काम संभालते हैं तभी मैं शहर से बाहर अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए काम कर पाता हूं। एक तरह से वो मेरी पाॅकेटमनी देते हैं ताकि मैं अपना खर्चा चला सकूं और समाज सेवा का काम कर सकूं।

उदयपुर में पहले के मुकाबले अब इंडस्ट्री को लेकर क्या-क्या बदलाव आए हैं और बड़े शहरों की तुलना में उदयपुर कहां स्टैंड करता है?
कुछ साल पहले तक जमीन आसमान का फर्क था पर आज उदयपुर का हेयर स्पा के क्षेत्र में नाम है और इसमें प्रभात का नाम है। शिक्षा के कारण हम आज कामयाब हो पाए। यहां लोग डिमांडिंग हैं और उनको भी मेट्रो सिटी की तरह सेवाएं चाहिए। तो हम कोशिश करते हैं कि हेयर और ब्यूटी से जुड़े हर नए फैशन और तकनीक को शहर के लोगों को मुहैया करवा सकें। इसके लिए हम नए-नए प्रयोग भी करते रहते हैं।

आॅल इंडिया हेयर एंड ब्यूटी एसोसिएशन के आप जनरल सेक्रेटरी हैं। अपनी इस उपलब्धि के बारे में बताएं.
2011 में हमने आॅल इंडिया हेयर एंड ब्यूटी एसोसिएशन बनाया जिसकी प्रेसिडेंट संगीता चैहान हैं और मैं इसका जनरल सेक्रेटरी हूं। इसको बनाने का मकसद था कि टैलेंटेड लड़के लड़कियों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान कर सकें ताकि वो अपनी प्रतिभा का सही जगह प्रदर्शन कर सकें। इसके जरिये हम युवाओं को मौका देते हैं कि वो कुछ करके दिखाएं। इसका सबसे बड़ा अचीवमेंट यह था कि पेरिस में यूरो कप हुआ था उसमें मुझे और उदय जी को इंटर नेशनल जज बनने का मौका मिला जो भारत के किसी व्यक्ति के लिए एक बड़ा अचीवमेंट था।

अपने और अचीवमेंट हमसे शेयर कीजिये.
व्यक्तिगत तौर पर तो अक्सर सम्मान होता रहता है पर मैं असली सम्मान उसे मानता हूं जो देश का नाम ऊपर उठाए। जब हमने आॅल इंडिया हेयर एंड ब्यूटी एसोसिएशन बनाया तो तय किया था कि टैलेंटेड लड़के लड़कियों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करेंगे ताकि वो अपनी प्रतिभा का सही जगह प्रदर्शन कर सकें। 2013 में हम ताइवान गए थे। हमारे साथ 6 लोगों की टीम थी। पहली बार हम ऐसे किसी प्रतियोगिता में गए थे। वहां पहली बार हमें ब्राॅन्ज मैडल मिला जो बड़ा अचीवमेंट था। उसके बाद भारत के लोगों का इस पेशे के प्रति नजरिया काफी बदला। जैसे गेम्स में लोग मैडल जीतते हैं हमने भी जीता और तिरंगे को लेकर अवार्ड लिया। हमने फील किया कि अब हम पेट भरने के लिए नहीं देश के सम्मान के लिए बाल काट रहे हैं।

क्या एडवाइस देना चाहेंगे उन लोगों को जो इस इंडस्ट्री में करियर बनाने के लिए इच्छुक हैं या अभी शुरुआत की है?
इस पेशे को चुनने से पहले अपने मन में इसके लिए सम्मान लाओ। साथ ही प्रोफेशलन कोर्स करो फिर इस लाइन में आओ। अगर प्रोफेशनली काम करोगे तो सम्मान भी मिलेगा और पैसा भी।

आपके फ्यूचर प्लान्स क्या हैं?
मैं चाहता हूं कि हेयर कट को प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान से जोड़ सकूं क्योंकि हम लोग भी स्वच्छता का काम कर रहे हैं। भारत को स्वच्छ बना रहे हैं। अगर ऐसा हो जाता है तो हमारा पेशा काफी सम्मानजनक स्थिति में पहुंच जायेगा। यही मेरा सपना है और फ्यूचर प्लान भी। साथ ही चाहता हूं कि मेरा इंस्टीट्यूट और बड़ा बने और यहां से निकले युवा पेट भरने के लिए नहीं देश को स्वच्छ बनाने के लिए बाल काटे।

(Interview with Ashok Paliwal, Published in Beauty Plus October, 2016)